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राजस्थान कांग्रेस में रविवार से शुरू हुए सियासी तनाव के बीच कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की नामांकन प्रक्रिया भी जारी है। खबर है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री पद का फैसला भी पार्टी के अध्यक्ष चुनाव के बाद ही होगा। साथ ही कहा जा रहा है कि कांग्रेस गहलोत पर नरम रुख अपना सकती है। रविवार रात गहलोत समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने की संभावनाओं के बीच विरोध जाहिर किया था।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राजस्थान में जस की तस स्थिति बरकरार रखी जाएगी। साथ ही यह भी बताया कि जनता के सामने मुखर हो कर नाराजगी जाहिर कर रहे विधायकों के खिलाफ कार्रवाई होगी या नहीं? इसे लेकर भी फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा। खबर है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक मंगलवार रात या बुधवार को अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंप सकते हैं।
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद राजस्थान के सीएम पद पर फैसला लिया जाएगा। वहीं, रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से लिखा कि सीएम गहलोत के खिलाफ फिलहाल कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार नहीं किया जा रहा है। खबरें आ रही थी कि पार्टी 71 वर्षीय नेता के खिलाफ एक्शन ले सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार कौन?
24 सितंबर से कांग्रेस प्रमुख के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 30 सितंबर तक जारी रहेगी। संभावनाएं जताई जा रही थी कि गहलोत 26 सितंबर को नामंकन दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, रविवार को सियासी समीकरण बदलते नजर आए और पहले जहां सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे वरिष्ठ नेता के अब रेस से भी बाहर होने की अटकलें हैं।
ऐसे में संभावित दावेदारों की सूची में शशि थरूर, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल, कमलनाथ, कुमारी शैलजा जैसे दिग्गजों का नाम चर्चा में है।
गहलोत ने मांगी माफी
सोमवार को सीएम गहलोत ने पार्टी ऑब्जर्वर खड़गे से मुलाकात की थी और माफी मांगी थी। कथित रूप से गहलोत ने खड़गे को बताया कि बागी विधायकों की बैठक नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने इसमें उनका हाथ होने से इनकार किया। कहा जा रहा है कि खड़गे ने इसके जवाब में कहा कि ऐसी बगावत उनकी (गहलोत) की सहमति के बगैर नहीं हो सकती थी।